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Wednesday, March 29, 2017

खतरनाक होता है प्यार

प्यार से डरकर रहो
बहुत खतरनाक होता है प्यार
ये तोड़ देता है ये समाज की वर्जनाओं को
मिटा देता है जात-पात की लकीरों को
लोगों के मन में भरी दिखावटी शान के दंभ को
चकनाचूर कर देता है आपका प्यार
वाकई बहुत खतरनाक होता है प्यार
हर कोई कतराता है प्यार के नाम से
प्यार भरी निगाहें जगाती हैं लोगों के मन में खौफ
प्यार के डर से लोग अपने बच्चों को
बंद कर लेते हैं घर की चारदीवारी में
नहीं आए हो तुम इस दुनिया में प्यार करने के लिए
सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने के लिए
हमारी 'तथाकथित’ संस्कृति की धरोहर है तुम्हारे हाथ
इसको सींचना है तुम्हें अपने प्यार का बलिदान देकर
दकियानूसी विचारों को ढोना है तुम्हें भी
आगे चलकर बनना है इसी
'दूसरों के दुख में खुश होने वाले’ समाज का पहरेदार
प्यार तुममें कुरीतियों से लड़ने का जज्बा जगाता है
प्यार तुम्हें क्रांतिकारी बनाता है, बगावत सिखाता है
और क्रांतिकारी तो दूसरे पक्ष के लिए आतंकवादी होते हैं न
तो डरना सीखो प्यार से तुम
वरना तुम पर भी लगेगा अपनी सभ्यता
का कत्ल करने का इल्जाम
और घोषित कर दिए जाओगे तुम भी आतंकवादी
चढ़ा दिए जाओगे
इज्जत की सूली पर
और घुट घुट कर दम तोड़ देगा तुम्हार प्यार
क्योंकि वाकई खतरनाक होता है प्यार
और अपने बच्चों को भी देना यही संस्कार कि
वो भी न करें कभी किसी से प्यार

Saturday, March 18, 2017

लड़कियों की जिंदगी

बेमानी हैं लड़कियों की बराबरी की बातें
खोखले हैं समाज के सारे दावे
आज भी जकड़ी हुई हैं वो रूढ़ियों की जंजीरो में
जैसे सपने में भागते हैं हम
और बार-बार कोशिश करने पर गिर जाते हैं
नहीं पहुंच पाते अपनी मंजिल तक
बिल्कुल उसी सपने की तरह होती है
लड़कियों की जिंदगी
अपने अरमानों को पूरा करने के लिए
करती हैं वो भी बार-बार कोशिश
लेकिन कभी समाज की दुहाई देकर
कभी मां-बाप की इज्जत की दलील देकर
बांध दी जाती हैं उनके पैरों में
उन्हीं पुरानी परंपराओं की बेड़ियां
लाख कोशिश करने पर भी
हजार बार गिर कर संभलने पर भी
नहीं पहुंच पातीं वो अपनी मंजिल तक
और 'खुले विचारों वाली’ लड़कियां भी
घुट कर रह जाती हैं अंदर ही अंदर
झूठी शान की कोठरी में

Thursday, August 4, 2016

तुम्हारी मोहब्बत का सावन

बरस रहा है एक सावन कहीं खिड़की के बाहर
मेरे भीतर भी बरसता रहता है एक सावन
तुम्हारे प्यार की रिमझिम फुहार
भिगो देती है मेरे मन को
बारिश की हर बूंद में मुस्कुराते दिखते हो तुम
उन्हें उठाने की कोशिश करती हूं मैं
जैसे अपने हाथों में भर रही हूं तुम्हारा चेहरा
तेज बरसती बारिश में भीगने से होता है
तुम्हारे प्यार में भीगने का अहसास
सावन की हरियाली जैसे ही
ताजे हो जाते हैं तुम्हारे साथ बीते पल
मन में कहीं कूकने लगती है कोयल
जो गाती है हमारी मोहब्बत के तराने
बागों में नाचते मोर की तरह
लगता है जैसे मैंने भी फैला लिए हों पर
और नाच रही हूं मैं भी
कि मुझ पर भी तो बरस रहा है
तुम्हारी मोहब्बत का सावन




Tuesday, July 19, 2016

क्योंकि मोहब्बत है वो

प्यार अक्सर हार जाता है
कोशिशें इसमें कामयाब नहीं होती हैं
अपेक्षाएं फेर देती हैं इस पर पानी
जिसके लिए जीना ही था आपकी जिंदगी
कई बार उसके जीवन की चुभन बन जाते हैं आप
हर पल उसकी ख्वाहिश करना ही
मार देता है आपकी ख्वाहिशें
जिस तरह ताली एक हाथ से नहीं बजती
रिश्ते भी एक तरफ से नहीं निभाए जाते
मोहब्बत यूं ही कम नहीं होती
तरसती है, बिलखती है और कराहती भी
तब कहीं रुक-रुक कर चलता है
उसकी सांसों का सिलसिला
लेकिन वो फिर भी मरती नहीं है
हर खुशी को उसके ऊपर न्योछावर
करने के बाद भी जब वो कहता है
तुमने किया ही क्या है मेरे लिए
ये सुनने के बाद भी
नहीं थमती हैं मोहब्बत की सांसें
बस तड़पती रहती है वो
उसकी आंखों में अपने लिए उपेक्षा के भाव देखकर
फिर भी उम्मीद होती है कि शायद
इस अँधेरे के बाद
उजाला उसके नसीब में भी हो
क्योंकि मोहब्बत है वो
जो कभी खत्म नहीं होती

Wednesday, April 27, 2016

तुमसे ही है इस दिल को करार

मेरी जिंदगी मेरी जरूरत हो तुम
मुमकिन नहीं है मेरे लिए तुम्हारे बिना रहना
मैं हूं थोड़ी अक्खड़, कुछ बत्तमीज भी
झगड़ती हूं तुमसे और रोती भी हूं बेवजह
तुम्हारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाती मैं
जैसा तुम चाहते हो वैसी नहीं बन पाती मैं
कोशिश तो करती हूं मैं कि बदल दूं खुद को
पर मेरी गलतियां ही फेर देतीं हैं मेरी मेहनत पर पानी
जुबां बहुत कड़वी है मेरी, पर दिल में तुम ही हो
बिन सांसों के हो जैसे जीवन वैसे ही हूं मैं तुम्हारे बिन
कि मेरा दिल भी धड़कता है तुम्हारी धड़कनों से
तुम्हारा अहसास ही जगाता है मुझमें जीने की चाहत
आँखें खुली हों या बंद आते हैं उनमें तुम्हारे ही सपने
चाहती हूं कि जिंदगी का हर पल गुजरे तुम्हारे साथ
कि तुम ही तो इस पूरे जहां में मेरे अपने
मेरी नादानियां कहो या कहो तुम बदमिजाजी
पर तुमसे ही बनता है मेरी ख्वाहिशों का मिजाज
माना मैं हूं गलत पर तुम तो हो सही
माफी मांगती हूं मैं तुमसे फिर एक बार
जहां हो तुम मैं हूं वहीं
 कि तुमसे ही है इस दिल को करार


Monday, April 11, 2016

ऐतबार

तुम भले ही न करो अपने प्यार का इकरार
पर मुझको है तुम पर पूरा ऐतबार

तुम्हारी हूं मैं और रहूंगी भी तुम्हारी
करूंगी सात जन्मों तक मैं तुम्हारा इंतजार

कभी तो बयां करोगे तुम अपने जज्बात
कि तुम्हारे सीने में दबा है बस मेरा प्यार

कोशिश कर लो रोकने की खुद को चाहे जितनी
तुम्हें आना ही होगा मेरे पास बार-बार

पलकों में मेरी सूरत को छुपा पाओगे कैसे
आंखों की जुबां के भी तो लफ्ज होते हैं हजार

तुम्हें पाना है मेरी जिंदगी की ख्वाहिश
मिलो तुम मुझे जहां के इस पार या उस पार

तुम भले ही न करो अपने प्यार का इकरार
पर मुझको है तुम पर पूरा ऐतबार

Thursday, July 30, 2015

आओगे तुम एक दिन

तुम्हारी नारज़गियों को भी दिल से अपनाया हमने
और तुम हमारी मोहब्बत को ठुकरा कर चल दिए

सोचा था जिएंगे-मरेंगे साथ हम
घड़ी दो घड़ी तुम बिताकर चल दिए

किस्मत से अपनी हर पल हमने माँगा तुम्हें
बदकिस्मती का दामन तुम थमा कर चल दिए

पलकों में अपनी तुम्हें छुपाया था हमने
और नज़रें तुम हमसे चुरा कर चल दिए

चाहत पे अपनी था बहुत नाज़ हमें
बेवफा तुम हमको बताकर चल दिए

यकीं है मुझे वापस आओगे तुम एक दिन
भले ही मोहब्बत के वादों को भुलाकर चल दिए