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Friday, February 8, 2013

प्यार का रंग



ब्लैक एंड व्हाइट पेंटिंग जैसी मेरी इस जिंदगी में
तुमने आकर प्यार की कूंची से बेहिसाब रंग भर दिए
पहले अकेले तन्हा रहती थी मैं
जिंदगी को एक बोझ की गठरी
समझकर ढोती थी मैं
लेकिन तुम्हारे आते ही लगा जैसे
कि बोझ की वो गठरी छिटककर कहीं
दूर जा गिरी हो
और जिंदगी की सारी मुश्किलें उसमें से निकलने को बेताब हो रही हों
बहुत हल्कापन महसूस हुआ था मेरे दिल को उस दिन
धीरे-धीरे तुमसे बातें करना अच्छा लगने लगा था
फिर न जाने कब उन बातों ही बातों में तुमसे प्यार हो गया
और फिर एक दिन आया जब उस प्यार का इकरार हो गया
उस दिन से मैं हो गई तुम्हारी और तुम मेरे
हमेशा के लिए
अब तो मुझे अपनी ब्लैक एंड व्हाइट यादें भी रंगीन नजर आने लगी हैं
तुम्हारा हाथ थामे जिंदगी में आगे बढ़ने की चाहत भरमाने लगी है
अब बस इतनी इल्तजा है तुमसे कि यूं ही बस  यू हीं हमेशा
तुम मेरा साथ देना और मेरे साथ रहना जिंदगी की इस गली के
आखिरी मोड़ के आखिरी छोर तक।।।
अनुषा मिश्रा