बहुत से लोग चाहते हैं कि
दो पड़ोसी मुल्क एक-दूसरे से
सारे रिश्ते-नाते तोड़ दें
तोड़ दें आत्मीयता की सारी जंजीरें
वे हमारे दुख में खुश हों
और हम उनके दुख में ठहाके लगाएं
आखिर हमारी दुश्मनी भी तो कई साल पुरानी है
उसे निभाना और आगे बढ़ाना
हमारा ही तो फर्ज है
बंद कर दें हम उनके बारे में बात करना
यहां रहने वाली बहन का
वहां रहने वाले भाई से मिलना
पाबंदी लगा दें सारे रिश्ते और नातों पर
आयात और निर्यात पर
सिखों के अपने तीर्थ ननकाना साहिब जाने पर
ये सब कर लेंगे हम
तोड़ देंगे सारे संबंधों को और
बन जाएंगे महान अपनी ही नजरों में
लेकिन क्या हम दो देशों में
बहने वाले एक ही दरिया के पानी को
आपस में मिलने से रोक लेंगे
क्या रोक लेंगे हम उस पार की चिड़िया को
जो अक्सर सरहद पार कर
दाना लेने इधर आ जाती है
क्या यहां रहने वाले नाती का
वहां रहने वाली नानी से
रिश्ता तोड़ पाएंगे हम
क्या लगा पाएंगे हम पाबंदी
उन लोगों की यादों पर जिन्होंने
वर्षों पहले अपने मुल्क को छोड़ा था
शायद नहीं कर पाएंगे ये सब
इसीलिए अब और नहीं बांट पाएंगे हम
पहले से बंटे हुए इन दो मुल्कों को