सच है एक डोर जैसी तो होती है हमारी जिंदगी
एक डोर की सारी खूबियां होती हैं इसमें
कभी रेशम की डोर जैसी सरल और सहज
लेकिन जरा सी लापरवाही से उलझ जाने वाली
कभी ऊन की डोर जैसी मोटी और सख्त
लेकिन दूसरों की जिंदगी में इंद्रधनुषी रंग भरने वाली
कभी एंकर के धागे जैसी थोड़ी मुलायम और कुछ कठोर
पर बेकार से एक जिस्म पर प्रेम के बेल-बूटे गढ़ने वाली
कभी पतंग के मांझे जैसी तेज-तर्रार और पैनी
लेकिन लक्ष्य से दूर होते ही अस्तित्वविहीन होने वाली
कभी सूत के धागे जैसी सफेद और चमकदार
सबकी जिंदगी में धवल चांदनी बिखेरने वाली
कभी बान की डोर जैसी मजबूत और जिद्दी
अपने बारम्बार प्रयास से सिल पर निशान डाल देने वाली
कभी कपड़े सुखाने वाली डोर जैसी सहनशील
अथाह बोझ सहकर भी आह न करने वाली
सच है एक डोर जैसी ही तो है हमारी जिंदगी
चाहे कितनी ही गुण समा ले अपने अंदर
बन जाए चाहे कितनी ही मजबूत और सहनशील
लेकिन एक तेज झटके से जैसे टूट जाती है डोर
वैसे ही एक झटके में सांसों का साथ छोड़कर
देह को निर्जीव कर देने वाली