एहसास ये नया सा है लेकिन रिश्ता पुराना है
महसूस करो तो हकीकत, नहीं तो फसाना है
कसमे, वादे, प्यार, वफा नहीं हैं बस कहने की बातें
इनके बिना बहुत ही मुश्किल जिंदगी बिताना है
तुम चुप रहकर ही बयां करो चाहत तुम्हारी
मुझे तो अल्फाजों में ही अपना प्यार जताना है
उम्मीद है कभी तो करोगे इजहार-ए-मोहब्बत
हर सांस के साथ मुझे इंतजार करते जाना है
तुम्हारे बिना कुछ नहीं हूं मैं जान लो ये तुम भी
तुम्हारे दिल का इक कोना ही अब मेरा ठिकाना है
एहसास ये नया सा है लेकिन रिश्ता पुराना है
महसूस करो तो हकीकत, नहीं तो फसाना है