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Sunday, November 2, 2014

बस तुम्हारा प्यार

कुछ नहीं चाहिए मुझे
सिवाय तुम्हारे प्यार के
तुम्हारा प्यार ही है
मेरी जिंदगी की आखिरी मंजिल
यूं तो कोई कमी नहीं है मेरे जीवन में
लेकिन कहीं कुछ अधूरा सा है
जो हर पल सालता है मुझे
सिर्फ तुम ही कर सकते हो
इस अधूरेपन को दूर
और मुझे सम्पूर्ण

इतनी इल्तजा है मेरी तुमसे
कि आ जाओ तुम मेरे पास
मैं जीवन भर
रहना चाहती हूं तुम्हारे साथ
तुम्हारी हर खुशी को अपनी
खुशी बनाऊंगी मैं और
तुम्हारे हर गम को
पूरे दिल से अपनाऊंगी मैं
खयाल रखूंगी तुम्हारी
हर पसंद-नापसंद का

मैं हर वो काम करूंगी
जो तुम्हें पसंद हो
जानती हूं मैं कि
तुम्हें नहीं पसंद
कि कोई हर बात पर
तुम्हारी हां में हां मिलाए
लेकिन ये गुलामी नहीं होगी
समर्पण होगा मेरा तुम्हारे लिए
इतना प्यार जो करती हूं तुमसे

मैं नहीं बनना चाहती महान
कि अपने प्यार से दूर रहकर
बिता दूं पूरा जीवन
मुझे हर दिन तुम्हारा प्यार चाहिए
और हर पल तुम्हारा साथ
कि सात वचनों, सात फेरों से
सात जन्मों के लिए
जोड़ना चाहती हूं मैं तुमसे बंधन
और तुम्हारी हर सांस से मैं
जीना चाहती हूं अपना जीवन